नोटबंदी के बाद से सरकार ने ऑनलाइन पेमेंट बढ़ावा देने के लिये कमर कस ली है. जिसके बाद से डिजिटल पेमेंट में काफी इजाफा देखा गया है. सरकार कैशलेस इकॉनोमी की तरफ बढ़ना चाह रही है. और लोगों ने धीरे-धीरे इसे अपनाना भी शुरु कर दिया है क्योंकि ये काफी सुविधाजनक है. लेकिन इस तरीके में जितनी सुविधा है उतने ही खतरे भी. आपकी जरा सी चूक से आपका सारा पैसा गलत हाथों में जा सकता है. इसलिये ये जरूरी है कि आप ऑनलाइन पेमेंट करते समय कुछ जरूरी बातों का ख्याल जरूर रखें.
हमेशा प्रामाणिक वेबसाइट पर ही सर्च करें-
फर्जी वेबसाइट की जगह प्रामाणिक वेबसाइट में चर्च करें. क्योंकि आपने देखा भी होगा कि कई बार आप जिस वेबसाइट पर प्रोडक्ट की चाहत में क्लिक करते हैं, उस पर क्लिक करते ही नयी विंडो खुले जाती है. ऐसी वेबसाइट्स आपकी गुप्त जानकारियां चुरा सकती हैं.
वेबसाइट का चुनाव कैसे करें-
इस बात का ध्यान रखें कि सर्च की जाने वाली वेबसाइट ‘https’ से शुरु हो. इसके अलावा कंप्यूटर में सबसे ऊपर एड्रेस बार में Retailer का नाम या हाफ एड्रेस की बजाय पूरा URL टाइप करें.
एक ही कंप्यूटर का करें प्रयोग-
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते समय केवल एक ही कंप्यूटर का यूज करें. जिसमे कुछ एंटीवायरस होने भी जरूरी हैं. जो आपके डेटा को सेफ रखेंगे. और आपका कंप्यूटर और डेटा दोनों ही हैक होने से बचे रहेंगे.
एक ही Email Id का प्रयोग करें-
ऑनलाइन पेमेंट करने में सिर्फ एक ही Email Id का प्रयोग करें. और जिस ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर रहे हों. उसे और कहीं इस्तेमाल न करें.
पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें-
बहुत से हैकर आपके पब्लिक वाई-फाई के प्रयोग करते ही आपकी जानकारियां चुराने की ताक में बैठे रहते हैं. क्योंकि उस समय डेबिट या क्रेडिट कार्ड का जानकारी चुराना उनके लिये काफी सरल होता है.
भरोसेमंद एप का करें प्रयोग-
फर्जी और कम रैंकिंग वाले एप के इस्तेमाल के बजाय ऐसे एप्स का चुनाव करें जो विश्वसनीय हों.
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फर्जी और कम रैंकिंग वाले एप के इस्तेमाल के बजाय ऐसे एप्स का चुनाव करें जो विश्वसनीय हों.
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